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कोरोना ही क्या कम था कि देश में फंगस अटैक चालू, अब आया क्रीमी फंगस

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  पहले ब्लैक फिर व्हाइट और येलो और अब क्रीमी फंगस। जबलपुर : कोरोना ही क्या कम था कि देश में फंगस अटैक चालू, देश में ब्लैक फंगस के बाद अब तरह तरह के रंगों के फंगस की बीमारियां सामने आ रही हैं. पहले ब्लैक, फिर व्हाइट और येलो और अब क्रीमी फंगस। जी हाँ! यह नया फंगस मध्य प्रदेश के जबलपुर में पाया गया है. यह देश का पहला मामला है, पीड़ित मरीज का इलाज जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग में हो रहा है. निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ  >> क्लिक << करें बढ़ रहे हैं ब्लैक फंगस का मामला मध्य प्रदेश कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या भले ही कम हो रही है मगर ब्लैक फंगस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. राज्य में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों की संख्या का शतक लग चुका है जिनमे से 39 मरीजों का ऑपरेशन भी किया जा चुका है. इन्हीं मरीजो में से एक मरीज में क्रीम फंगस की पुष्टि हुई है जबकी 50 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीज निजी अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं. कोरोना ही क्या कम था कि देश में फंगस अटैक चालू अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ  &

लल्लू वार: केजीबीवी में घोटाला हुआ भाजपा सरकार के संरक्षण में

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  लखनऊ : केजीबीवी में घोटाला हुआ, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार पर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के मंत्रियों, अधिकारियों व ठेका माफियाओं का मजबूत गठबंधन जनता के धन पर खुलेआम डाका डाल रहा है। सरकार के कथित ईमानदार मुखिया मौन धारण कर चुप हैं। वह कार्यवाही करने के बजाय भ्रष्टाचार एवं घोटाले की पोल खोलने वालों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाही करा रहे हंै। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में भोजन, स्टेशनरी, मेडिकल केयर, कंटीजेंसी आदि मद में हुए करोड़ांे के घोटाले में लिप्त विभागीय मंत्री, अधिकारी, बीएसए सहित डबल ए.ओ. और आपूर्तिकर्ता फर्म अब जबकि रंगे हाथों पकड़े गए हैं जिनके विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाय मुख्यमंत्री जी मौन धारण कर छात्राओं के हक पर डाका डालने वालों को संरक्षण देते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं। निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ  >> क्लिक << करें उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब केजीबीवी बंद है, पढ़ाई बंद है, छात्राएं अपने घरों पर है

सूत्र : सरकार के आगे घुटने टेके गूगल, फेसबुक और वॉट्सऐप ने, ट्विटर अभी भी अड़ा, अभिव्यक्ति की आजादी उसकी प्राथमिकता ?

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  नई दिल्ली : सूत्र: सरकार के आगे घुटने टेके गूगल, फेसबुक और वॉट्सऐप ने, नए डिजिटल कानून पर सरकार और सोशल प्लेटफॉर्मों पर बात बनती नज़र आ रही है, सूत्रों से पता चला है कि गूगल, फेसबुक और व्हाट्सएप ने नए सोशल मीडिया नियमों को मान लिया है. इसकी जानकारी सरकार को दे भी दी गई है. वहीं टि्वटर नए नियमों का अनुपालन नहीं कर रही है. सूत्र : सरकार के आगे घुटने टेके गूगल, फेसबुक और वॉट्सऐप ने निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ  >> क्लिक << करें गूगल, फेसबुक व्हाट्सएप ने जानकारी साझा की मिली जानकारी के मुताबिक, टि्वटर को छोड़कर गूगल, फेसबुक और व्हाट्सएप ने नए सोशल मीडिया नियमों के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से ब्योरा साझा कर दिया है. हालाँकि ट्विटर की तरफ से फिलहाल कोई रिस्पॉन्स नहीं आया है. इससे पहले टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर के गुरूग्राम दफ्तर पर छापेमारी की थी जिसके बाद ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ  >>क्लिक<<  करें भारत के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्

बच्चों को बंधक बनाने का रामदेव के पतंजलि गुरुकुलम पर आरोप

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  चार बच्चों के पालकों का आरोप  बच्चे पतंजलि गुरुकुल में पढ़ाई करने गए थे । छत्तीसगढ़ : बच्चों को बंधक बनाने को लेकर, व्यवसायी योग गुरु रामदेव लगातार एक के बाद एक विवादों से घिरते चले जा रहे हैं , IMA से उनका विवाद चरम पर चल रहा कि अब उनके पतंजलि गुरुकुल स्कूल पर छात्रों को बंधक बनाने का आरोप भी लग रहा है. और यह आरोप उन चार बच्चों के पालकों ने लगाए हैं जिनके बच्चे पतंजलि गुरुकुल में पढ़ाई करने गए थे. निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ  >> क्लिक << करें बच्चों को बंधक बनाने का मामला कुछ इस तरह है कि छ्त्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल गरियाबंद जिले के चार लड़के जिन्हें बाबा रामदेव के पतंजलि गुरुकुलम हरिद्वार स्थित वैदिक कन्या गुरुकुलम में 2 लाख 25 हजार रुपये देकर भर्ती कराया गया था। जब इन छोटे बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को लेने आश्रम पहुंचे तो आश्रम प्रबंधन ने बच्चों को छोड़ने से इनकार कर दिया और सिक्योरिटी मनी के रूप में दो लाख रुपये की मांग की। बच्चों को छुड़ाने के पैसे नही  तो बना लिया बंधक अभिभावकों के पास बच्चों को छुड़ाने के पैसे नही थे। जैसे तैसे उन्ह
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