58 फीसदी बढ़ी शराब की परमिट रखने वालों की संख्या, आंकड़ों के हिसाब से सूची के शीर्ष पर अहमदाबाद

 

गुजरात में स्वास्थ्य आधार पर शराब की परमिट रखने वाले लोगों की संख्या तीन वर्षों में 58 फीसदी बढ़ गई है। राज्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क विभाग ने आंकड़े जारी कर इसकी जानकारी दी है। गुजरात में नवंबर 2020 में शराब परमिट धारकों की संख्या 27,452 थी, जो अब बढ़कर 43,470 हो चुकी है। 

गुजरात वह राज्य है, जहां महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। इस राज्य के गठन के बाद से ही यहां शराब के निर्माण, बिक्री और उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा हुआ था। राज्य की कुल आबादी करीबन 6.7 करोड़ है। 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, स्वास्थ्य आधार पर परमिट दिए जाने के अलावा, विदेशी नागरिकों और अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को गुजरात की यात्रा के दौरान अधिकतम एक हफ्ते की अवधि के लिए परमिट दिया जाता है। 

आंकड़ों के हिसाब से सूची में शीर्ष पर अहमदाबाद
डेटा के अनुसार अमहदाबाद इस सूची में शीर्ष पर है। यहां शराब परमिट रखने वालों की संख्या 13,456 के करीब है। सूरत में 9238, राजकोट में 4502, वडोदरा में 2743, जामनगर में 2039, गांधीनगर में 1851 और पोरबंदर में 1,700 शराब परमिट धारक हैं। वहीं 77 होटलों को शराब रखने का लाइसेंस दिया गया है। विभाग द्वारा व्यक्तियों को शराब का परमिट तभी जारी किया जाता है, जब क्षेत्रीय मेडिकल बोर्ड यह प्रमाण पत्र जारी करे कि उस व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए शराब का सेवन करना आवश्यक है। 

निषेध विभाग ने एक बयान में कहा कि नए प्रणाली के अनुसार जीआईएफटी सिटी इलाके के होटल, रेस्तरां और क्लब को भोजन सुविधाओं के साथ वाइन रखने की अनुमति दी गई है। हालांकि, ऐसे प्रतिष्ठानों को शराब की बोतलें बेचने की अनुमति नहीं होगी।

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