अमेरिका का जोर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ताइवान की भागीदारी के विस्तार पर; वार्ता में तलाशे तरीके

 


दक्षिण चीन सागर और ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका में चल रहे तनाव के बीच बुधवार को यूएस-ताइवान वार्ता हुई है। इस वार्ता के दौरान सभी प्रतिभागियों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों में ताइवान की भागीदारी के विस्तार पर जोर दिया। अमेरिकी विदेश विभाग ने इस वार्ता को लेकर एक बयान भी जारी किया है। इसमें यह भी बताया गया है कि अमेरिका और ताइवान साथ मिलकर सार्वजनिक स्वास्थ्य, विमानन सुरक्षा और जलवायु सहित कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के तरीके तलाश रहे हैं। 

गौरतलब है कि हाल ही में दुबई में आयोजित COP28 के दौरान में चीनी प्रतिनिधिमंडल द्वारा संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में ताइवान को शामिल करने के आह्वान का विरोध करने के कुछ दिनों बाद बुधवार को यूएस-ताइवान नियमित परामर्श हुआ। इसमें सभी प्रतिभागियों ने समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ मिलकर काम करने के महत्व पर जोर दिया। 

वाशिंगटन की ‘वन चाइना’ पॉलिसी बीजिंग से अलग
इस बीच, अमेरिका ने चीन की वन चाइना पॉलिसी पर भी सवाल खड़ किए हैं। शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि वाशिंगटन की ‘वन चाइना’ पॉलिसी बीजिंग के ‘वन चाइना’ सिद्धांत से अलग है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की नीति ताइवान संबंध अधिनियम और तीन संयुक्त विज्ञप्तियों और छह आश्वासनों के आधार पर है। वहीं, दूसरी ओर चीन ने ताइवान संबंध अधिनियम पर आपत्ति जताई है और इसे अमान्य करार दिया है। 

जिनपिंग की यात्रा के बाद हुई वार्ता
गौरतलब है कि अमेरिका और ताइवान के बीच ये वार्ता तब हुई है जब हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हनोई की यात्रा की थी। उन्होंने ताइवान के नेताओं संग वार्ता के बाद दक्षिण चीन सागर विवाद का संयुक्त समाधान निकालने का आह्वान किया था। 

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